Saturday, 24 August 2024

हज्जाम की दुकान पर घुम्मकड़

हज्जाम की दुकान पर घुम्मकड़

निर्माण कार्य और सृजन प्रक्रिया को निहारने का अपना अलग सुख होता है। बात चाहे वैज्ञानिक प्रक्रिया की हो, किस्सागोई की हो, भवन निर्माण की हो या सड़क निर्माण के लिए भूमि समतलीकरण की, लोग जमा होकर पल पल में घटने वाली गतिविधि को जानने को उत्सुक हो जाते हैं। ठीक उसी तरह केश कर्तनालय में हेयर कटिंग प्रक्रिया को देखना भी हमेशा से सबको मोहता रहा है। यूट्यूब पर घुम्मकड़ो द्वारा बनाए विडियोज में बारबर शॉप या सैलून में उनको अपने केश कटवाते देखना भी बड़ा आनंददायी होता है।

जिन लोगों ने घुम्मक्कड़ी को ही अपने जीवन का मुख्य ध्येय बना लिया है, उनके बनाए यूट्यूब वीडियो ब्लॉग्स को देखकर महसूस किया है कि वे कई कई महीनों तक अपने घर या अपने वतन से दूर रहते हैं। एक देश से दूसरे देश की यात्राएं करते हुए ही उनका जीवन आगे बढ़ता रहता है। यही उनका प्रोफेशन हो जाता है,और प्रायः विडियो निर्माण या यूट्यूब आदि पर उनके ब्लॉग्स से होने वाली आय ही उनका आर्थिक सहारा हो जाता है।

सामान्य दर्शकों और अपने फॉलोअर्स को दुनिया भर की मानस यात्रा और पर्यटन का आभासी सुख देने वाले इन युट्यूबर्स की रोजमर्रा की अनेक गतिविधियों, उनकी जरूरतों, कठिनाइयों को भी हम इनके विडियोज के जरिए महसूस कर  पाते हैं। इनका होस्टलों, गुरुद्वारों, महंगी होटलों से लेकर किसी मेहमान या काउच सरफर के घर रुकना,ठहरना, खाना बनाना, खाना पीना भी पूरक रूप से हमारा खूब मनोरंजन करता है। 

लंबे समय तक जब केवल घुम्मकड़ी करते हुए भटकते रहते हैं, तब अचानक इन्हे एक दिन परदेस के अजनबी शहर में इस बात का भान होता है कि इनके विडियोज की तरह इस दौरान सिर और दाढ़ी के बाल भी बढ़ते चले गए हैं तो ये लोग भी किसी स्थानीय बारबर या सैलून की तलाश करते नजर आते हैं। हमने महसूस किया है कि लगभग सभी ट्रेवल ब्लॉगर्स बारबर शॉप पर जाकर अपने बालों को कटवाने, हजामत बनवाने, मसाज करवाने के विडियोज बहुत रुचि से बनाते हैं। ये विडियोज भी बहुत दिलचस्प होते हैं, इनको देखना भी बहुत अच्छा लगता है। अनावश्यक को हटा देना ही सौंदर्य की प्राथमिक शर्त होती है। एक दो घंटे सैलून में बिताकर ये घुम्मकड़ पुनः बाहर निकलते हैं तब उनकी आभा देखते ही बनती है।

यों देखा जाए तो आम आदमी के जीवन और समाज में हज्जाम, बारबर या नाई की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जिन कलाकारों के बगैर हमारी दैनंदिनी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं हो सकती, उनमें हमारे व्यक्तित्व की सज्जा करने वाला यह भी एक प्रमुख प्राणी होता है।  कई फिल्मों, नाटकों, टीवी शो में भी बारबर या नाई को केंद्र में रखकर कई दृश्य रचे गए हैं। ख्यात फिल्म शोले की जेल  के खबरी हरिराम नाई को याद कीजिए, जो जेलर को पल पल की खबरें पहुंचाता रहता है। ख्यात हास्य चरित्र मिस्टर बीन के उस दिलचस्प दृश्य को याद कीजिए जहां खुद हजामत बनवाने जाते हैं और सैलून में हज्जाम की अनुपस्थिति में अन्य लोगों के अजीबो गरीब हरकतों के साथ बाल काटते हुए दर्शकों को खूब हंसाते हैं। घुम्मकड़ो द्वारा बारबर शॉप या सैलून में बाल कटवाने और मसाज के ये विडियो भी बहुत दिलचस्प और रुचिकर होते हैं।

कई बार ब्लॉगर और हज्जाम दोनों ही एक दूसरे की भाषाएं नहीं जानते। तब बड़ी मुश्किल से यूट्यूबर अपनी पसंद बता पाता है। कई बार बड़ी हास्यास्पद कटिंग और हेयर स्टाइल बन जाती है।  कई सैलून में घंटो प्रतीक्षा के बाद मुख्य नाई ग्राहक के सिर को संवारता है, इसके पूर्व अन्य कई नौसिखिया स्त्री पुरुष सिर का खेत जोत चुके होते हैं। लेकिन शानदार फेस मसाज और हेड मसाज के बाद हर यूट्यूबर के चेहरे पर खुशी चमकने लगती है। एक शानदार और रोचक कंटेंट वाला वीडियो हमारे लिए बनकर तैयार हो चुका होता है।

घुमक्कड़ी में बाल कटवाने वाले विडियोज में मुझे अजरबैजान के दाऊद अकुंदजादा के ब्लॉग्स सबसे अलग और संवेदनाओं से भरपूर लगे। उनकी प्रस्तुतियों में कई बार बड़ी मार्मिकता और उदारता के दर्शन होते हैं।  दाऊद बहुत उदार, दयालु और संवेदनशील प्रकृति के घुम्मक्कड़ हैं।  दाढ़ी रखते हैं, कई विडियोज में उन्हें बारबर शॉप पर जाकर बाल कटवाते, दाढ़ी संवरवाते, मसाज करवाते देखा जा सकता है।

विकासशील देश के एक कस्बे के भ्रमण के दौरान वे हेयर कट करवाने बेहद खस्ताहाल शॉप में पहुंचते हैं। बारबर को अंग्रेजी भाषा नहीं आती, दाऊद को स्थानीय बोली नहीं आती। किंतु इशारों और मुस्कुराहटों से बात बन ही जाती है। दाढ़ी की मात्र स्ट्रीमिंग कराने गए दाऊद उसके काम से इतने प्रभावित हो जाते हैं कि न सिर्फ हेड मसाज कराते हैं बल्कि फेस मसाज और बॉडी मसाज भी उस बेहद साधारण से सैलून में करवाकर प्रफुल्लित हो जाते हैं। बाद में उस कलाकार को मेहनताना तो देते ही हैं किंतु इससे आगे बढ़कर एक बहुत बड़ी राशि उसकी शॉप के नवीनीकरण के लिए भी भेंट कर देते हैं। इस बार दाउद के चेहरे की ताजगी से कहीं अधिक चमक बारबर की आंखों में दिखाई पड़ती है। यूट्यूबर की दयालुता देखकर हम जैसे भावुक दर्शकों की आंखे भर आती हैं। ऐसे ही सड़क किनारे किसी पेड़ की छांव में दुकान लगाए एक आम और गरीब नाई से दाढ़ी संवारने पहुंचने में उन्हें कोई झिझक नहीं होती। जरा सी लाइनिंग करवाने के बहाने वे अफगानिस्तान, बांग्ला देश, श्रीलंका,भारत आदि देशों में शहरों की सड़कों की पटरी पर बैठे कारीगर, कलाकारों की मदद करते हैं, उन्हे प्रेम से गले लगाते हैं, परिवार के दुख दर्द जानने की आत्मीयता दिखाते हैं। मन भाव विभोर हो उठता है। वीडियो किसी सार्थक और मार्मिक कविता में बदलता जाता है। एक आम यूट्यूबर किसी रचनाकार में रूपांतरित हो जाता है। सृजनात्मकता की यही उपस्थिति हमारे वीडियो ब्लॉग्स अवलोकन को संतुष्टि से भर जाती है।

ब्रजेश कानूनगो

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