माखन मिश्री का आभासी आनंद
घुम्मकड़ो द्वारा बनाए विडियोज को यूट्यूब पर देखते हुए अक्सर कई ब्लॉगरों से गहरी आत्मीयता हो जाती है। इस जुड़ाव के कई कारण होते हैं। कभी उनकी बातचीत अच्छी लगती है तो कभी उनका संवेदनशील व्यवहार और उदारता। हर व्लॉगर की अपनी विशिष्टता होती है। जो क्रमशः उसके प्रति हमारे लगाव का कारण बनती जाती है।
अमरीकन व्लॉगर क्रिस लेविस ( Chris Lewis) उनकी सहजता, सरलता तथा अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू बोलने वाले घुम्मकड़ के तौर पर हमें बहुत पसंद हैं। भारत के शहरों में घूमते हुए वे खानपान के अनुभव के भी वीडियो बनाते रहते हैं। खासतौर से दिल्ली के चांदनी चौक और मुंबई, गुजरात आदि के उनके ऐसे वीडियो अलग सुख देते हैं। कई जगह डेल मैक्स जैसे अपने मित्र व्लॉगर के साथ भी वे दिखाई दे जाते हैं।
मूलतः लेविस ऐसे घुम्मकड़ व्लॉगर हैं जिसमे वे लोक जीवन का चित्रण स्थानीय निवासियों से गहरी संवेदनाओं के साथ करते चले जाते हैं। एकत्रित लोग उनकी टूटी फूटी हिंदी और उर्दू सुनकर काफी प्रभावित होते हैं और अपनेपन की एक अदृश्य स्नेह डोर सबको जोड़े रखती है। उनके वीडियो से ही पता चला कि क्रिस लेविस ने अपनी कामचलाऊ हिंदी उर्दू ताइवान में उनके एक पाकिस्तानी मित्र से सीखी है, दिलचस्प यह है कि कई बार उनका वार्तालाप स्थानीय आम लोगों से बेहद घरेलू और आत्मीय हो जाता है।
कई बार वीडियो देखते हुए जब लगता है कि हमारे प्रिय व्लॉगर के साथ कुछ गलत हो रहा है या उसके कहे को कोई समझ नहीं रहा, भ्रम और असमंजस की स्थिति बन रही है तो एक दर्शक के रूप में हम कोई सहायता उनकी नहीं कर पाते। जैसे मुंबई में कोई क्रिस के साथ ठगी का प्रयास करता है या मथुरा जैसी जगह पर माखन मिश्री के स्वाद के आनंद की उनकी इच्छा अधूरी रह जाती है। एक दर्शक के रूप में हम मात्र बेबस व्यक्ति की मनःस्थिति से भर जाने और व्यथित होने के अलावा क्या कर सकते हैं।
जब एक विदेशी पर्यटक और व्लॉगर यूट्यूब के लिए विडियो बनाता है। हिंदी सीखकर हिंदुस्तान को समझने के लिए हिंदुस्तान आया है। वह हिंदी बोलता है तो हर व्यक्ति के मन में खुशी और गौरव की लहर दौड़ जाती है। मुस्कुराहटें बिखर जाती हैं। और जब कोई असहज करने वाली बात दिखाई देने लगती है तो मन का दुखी हो जाना स्वाभाविक है।
व्लॉगर बाजार में चहलकदमी करते हुए दर्शकों को श्रीकृष्ण और कंस की कहानी सुनाता हुआ कृष्ण की प्रिय वस्तु 'माखन मिश्री' की बात भी करता है। उसका स्वाद लेना चाहता है किंतु उसे पता नहीं है कि यह क्या चीज होती है। हर दुकान पर वह इसके बारे में पूछता जाता है। एक जगह वह इसे मांगता है तो उसे मिश्री पकड़ा दी जाती है। दुकानवाला मक्खन के लिए आगे की किसी दुकान का पता बता देता है। व्लॉगर वहां पहुंचकर माखन मांगता है। यह दूध की दुकान है। माखन मांगने पर दूधवाला आधा किलो गर्म दूध पॉलिथीन की थैली में पैक कर दे देता है। पर्यटक इसे मक्खन ही समझता है। वीडियो देखते हुए हमें बहुत दुख और अफसोस होता है। कैसे व्लॉगर की मदद करें?
होटल पहुंचकर व्लॉगर क्रिस लेविस किसी तरह मिनरल वाटर की खाली बोतल में तथाकथित माखन (दूध) भरता है। मिश्री के कुछ टुकड़े उसमें घोलने की कोशिश करता है। हम दुखी होते जा रहे हैं। विदेशी व्लॉगर असीम उत्साह और खुशी से भरा है। उसके चेहरे पर संतुष्टि का भाव है। बोतल से मुंह लगाकर सारा दूध मिश्री एक सांस में गटक जाता है। भगवान श्रीकृष्ण की मनपसंद वस्तु का सेवन करने का सुख सहज उसके चेहरे पर देखा जा सकता है।
विडियो देखते हुए हमे आत्मग्लानि सी होने लगती है। काश कोई उसे वहां बता पाता कि 'माखन मिश्री' क्या होती है। मन को दिलासा देते हैं,भगवान तो बस भाव को ग्रहण करते हैं। हो सकता है उस व्लॉगर को दूध मिश्री में भी वही स्वाद और आनंद मिला होगा जो सचमुच श्रीकृष्ण को मिलता था।
विडियो खत्म हो जाता है। पर्यटक महंगे होटल के बिस्तर में चादर तान कर सो जाता है। इधर स्मार्ट टीवी बंद करने के बाद भी हमारी आंखों में नींद नहीं उतर पा रही। भीतर कुछ भीगता रहता है।
घुम्मकड़ो के ऐसे वीडियो लंबे समय तक हमे झकझोरते रहते हैं।
ब्रजेश कानूनगो
No comments:
Post a Comment