Wednesday, 20 January 2021

अपनी बात

 

 

 

 

फ्लैश बैक

 

संस्मरण

ब्रजेश कानूनगो

 

FLASH  BACK
Memoir by Brajesh Kanungo

 

 

 

 

समर्पण

 

जीवन साथी प्रिय कुमुद (मनोरमा)

एवम्

प्रियजनों के लिए

जिन्होंने मेरे जीवन को अर्थपूर्ण संभव किया

 

 

 

 

 

 

 

 

 

अपनी बात 

मानव जाति के लिए वर्ष 2020 का समय अनपेक्षित  संकटों से भरा रहा। वैश्विक महामारी ने दुनिया के आम जीवन को लगभग ठप ही कर दिया। विशेषतः सरकारों द्वारा अपने नागरिकों को घातक संक्रमण से बचाने और बीमारी को फैलने से रोकने के लिए 'लॉक डाउन' जैसे जरूरी कदम उठाए गए। लोग घरों में कैद हुए तो सबने अपने अपने तरीकों से घर परिवार में अपनी खुशियों और व्यस्त रहने के लिए उपाय भी खोज लिए। जो लोग थोड़ी रचनात्मक रुचि रखते थे उन्होंने अपने आपको सृजन और कलाओं में सक्रिय रखने का प्रयास किया। कई बार रोजमर्रा के जीवन से दूर रहकर सार्थक साहित्य रचा जाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। अगर जीवन से कटकर बंद घरों में बैठकर कुछ लिखा भी जाए तो उसमें उस वक्त का यथार्थ बहुत प्रभावी रूप से अभिव्यक्त करना आसान भी नहीं हो सकता। ऐसे में स्मृतियों के खजाने से अतीत की संवेदनाओं को लाकर उनको कलम बद्ध करना मुझे सहज और बहुत सुखद लगा। लॉक डाउन समय में स्वान्तः सुखाय उद्देश्य से बीते समय को याद करते हुए संस्मरणों के रूप में अपने आलेख फेसबुक जैसे माध्यम पर साझा करता रहा। दोस्तों ने पसंद किया तो यह क्रम लगातार आगे बढ़ता रहा।
बचपन से लेकर अब तक के कुछ प्रसंगों, अनुभवों और संपर्क में आए कुछ खास व्यक्तियों के बारे में लिखते हुए वह बेहद कठिन एकांत भी जैसे जीवन से भर गया। उन्ही आलेखों  को संपादित कर यहाँ फ्लैश बैकशीर्षक से मित्रों, स्नेहियों और पाठकों के लिए पुस्तक के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।

निसंदेह इस किताब में मेरे अपने गृह नगर देवास का उल्लेख संभवतः कुछ अधिक हुआ हो लेकिन मुझे पूरा विश्वास है पढ़ते हुए वह सब उस दौर के कमोबेश वैसे ही छोटे शहर या नगर के परिवेश और उस वक्त को भरपूर जीने वाले हरेक व्यक्ति को अपना ही महसूस होगा।
फ्लैश बैकएक तरह से वर्ष 2018 में प्रकाशित मेरी संस्मरण आधारित रचना डेबिट क्रेडिटकी पूरक भी कही जा सकती है, जिसमें नौकरीपेशा रचनाकार के रूप में अपने जीवनानुभवों की कथात्मक अभिव्यक्ति हुई है। प्रस्तुत किताब में जीवन के पूर्वार्ध की जमीन, आबोहवा, संस्कृति, शब्द, साहित्य, मित्रों और समाज से मिली संवेदनाओं, संस्कारों और प्रसंगों को याद करने की कोशिश की गयी है...मुझे भरोसा है मेरी अनुभूतियाँ पाठकों की अनुभूतियों में बदलने में सफल हो सकेंगी।
वरिष्ठ कवि स्व.नईम जी, सर्वश्री श्री दुर्गाप्रसाद झाला, नरहरि पटेल, कुमार अम्बुजनिरंजन श्रोत्रिय की कविताओं को मैंने साधिकार प्रसंगवश अपने आलेखों में शामिल किया है। मैं हृदय से आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे स्नेह पूर्वक अनुमति दी। 
आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी...

ब्रजेश कानूनगो 

परिचय

ब्रजेश कानूनगो
जन्मतिथि :

25 सितम्बर 1957 देवास म प्र

शिक्षा :

हिंदी और रसायन शास्त्र में स्नातकोत्तर

प्रकाशन: 
व्यंग्य संग्रह : पुनः पधारें, सूत्रों के हवाले से, मेथी की भाजी और लोकतंत्र। कविता संग्रह : धूल और धुंएँ के पर्दे में,इस गणराज्य में,चिड़िया का सितार, कोहरे में सुबह। कहानी संग्रह : 'रिंगटोन'बाल कथाएं : 'फूल शुभकामनाओं के।' बाल गीत : ' चांद की सेहत'उपन्यास : 'डेबिट क्रेडिट'आलोचना : (साहित्यिक नोट्स) - 'अनुगमन'यात्रा डायरी/संस्मरण : 'रात नौ बजे का इंद्रधनुष', फ्लैश बैक


सम्मान: 

1 युवा श्रेष्ठ लेखन के लिए 'रमाकांत चौधरी स्मृति सम्मान' 2 प्रेमचन्द सृजन पीठ, उज्जैन से अभिनन्दन पत्र। 3 इंदौर जिला ग्रंथपाल संघ से 'कृति कुसुम सम्मान' 4 पत्र लेखक मंच से व्यंग्य लेखन के लिए 'गक्खड़ रत्न सम्मान' 5 'अभिव्यक्ति सम्मान' देवास की जरूरत संस्था से। 6 अनेक सारस्वत सम्मान व लेखन प्रतियोगिताओं में संस्थागत पुरस्कार।

अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धियां:
साहित्यिक,सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में संलग्न। तंगबस्ती के बच्चों के व्यक्तित्व विकास शिविरों में सक्रिय सहयोग।
स्टेट बैंक ऑफ इंदौर की गृह पत्रिका 'इंदौर बैंक परिवार' तथा 'प्रगति पथ' एवं  साहित्यिक संगठन के बुलेटिन 'प्राची' का सम्पादन।
एक व्यंग्य रचना 'ऐनक के बहाने' मुम्बई विश्वविद्यालय के बीए पाठ्यक्रम में वर्ष 2020/21 से शामिल।
आकाशवाणी,इंदौर से रचनाओं का प्रसारण।
जीवन बीमा निगम के मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ मंडल के चार वर्षों तक सलाहकार मंडल में नामित।
संप्रति: सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी।

संपर्क:
503,गोयल रीजेंसी,चमेली पार्क,कनाडिया रोड, इंदौर-452018
मो 9893944294
ईमेल
bskanungo@gmail.com  

  


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